Tuesday, June 25, 2019

Ek Raaz

उस मुस्कराहट के पीछे एक राज़ था
वक़्त गुज़रा पर तू फिर भी साथ था 
गम की घडी तोह कुछ पल ही टेहरी 
तेरी मोहब्बत में बीतें कल का एहसास था 

मिल जा एक आखरी बार 
मेरे दुनिया में खोने से पहले 
सरकती आहटों को दिल में 
डूबोने से पहले 
हम जानते हैं ऐ दिलबर की वह 
तेरा आज था 
उस किताब में लिखी शायरी के पीछे तू 
बेनक़ाब था

ठहर कर तोह देख इस बारिश को दो पहर 
पैमाने की तरह बह रही है बादल  से 
जाने  किस आस में रो रहा है वह शहर 
वक़्त के लब से चुरा लू तुझे इस जनम 
उन आहटों का कोई तोह मतलब साफ़ था 
उस मुस्कराहट के पीछे एक राज़ था
उस मुस्कराहट के पीछे कोई राज़ था. 

Tuesday, June 11, 2019

Aks (2)

Teri muskaan me woh ada ho,
Jo keemat lagaye sone ki
Dil jeet le tu aise
Jaise judai bas ek lafz ho.

Kaape woh zameen jahan tera aks nahin
Bikti hain muskurahat do pal ki kuch is kadar
Jo Dekhe woh pehchaan paaye
Sugandh teri fitrat ki ho kuch is kadar,
Bina mehsoos kare use koi
Teri rooh qayamat laaye.