उस मुस्कराहट के पीछे एक राज़ था
वक़्त गुज़रा पर तू फिर भी साथ था
गम की घडी तोह कुछ पल ही टेहरी
तेरी मोहब्बत में बीतें कल का एहसास था
मिल जा एक आखरी बार
मेरे दुनिया में खोने से पहले
सरकती आहटों को दिल में
डूबोने से पहले
हम जानते हैं ऐ दिलबर की वह
तेरा आज था
उस किताब में लिखी शायरी के पीछे तू
बेनक़ाब था
ठहर कर तोह देख इस बारिश को दो पहर
पैमाने की तरह बह रही है बादल से
जाने किस आस में रो रहा है वह शहर
वक़्त के लब से चुरा लू तुझे इस जनम
उन आहटों का कोई तोह मतलब साफ़ था
उस मुस्कराहट के पीछे एक राज़ था
उस मुस्कराहट के पीछे कोई राज़ था.